
Income Tax Return Filing 2025 : इनकम टैक्स विभाग देशभर के टैक्सपेयर्स से हर साल 31 मार्च तक इनकम टैक्स भरने (Income Tax return) का समय देता है। वित्त वर्ष के अंत तक सभी टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स भरना अनिवार्य होता है। इनकम टैक्स नहीं भरने पर टैक्सपेयर्स (Tax payers) कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। केंद्र सरकार इनकम टैक्स भरने वाले लोगों को कई तरह के लाभ प्रदान करती है। इस खबर में जानिए कैसे आप समय पर इनकम टैक्स भरकर किन-किन योजनाओं का लाभ अर्जित कर सकते है।
Income Tax Return। केंद्र सरकार एवं आयकर विभाग (Income Tax Department) देश में सभी व्यक्तियों के लिए आय सीमा तय करते है। आय सीमा से ज्यादा की कमाई करने वाले लोगों को अपनी आय के हिस्से का टैक्स अदा करना पड़ता है। सरकार समय-समय पर इनकम टैक्स (Income Tax limit) की सीमा में बदलाव करती रहती है।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार के सालाना बजट (union Budget) में मिडिल क्लास लोगों को राहत प्रदान करते हुए 12 लाख तक की आय को टैक्स फ्री कर दिया है। इस वित्त वर्ष में सालाना 12 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई करने पर इनकम टैक्स भरना पड़ेगा।
Income Tax Return के फायदे अनेक
केंद्र सरकार हर साल इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) में बदलाव करती रहती है। विशेषज्ञों और लोगों की मांग के अनुरुप इनकम टैक्स स्लैब बदलते रहते है। आय सीमा से अधिक कमाई (Income Tax range) करने वाले लोगों को आईटीआर भरना जरुरी होता है, लेकिन आय सीमा से कम कमाई करने वाले लोगों को सालाना आईटीआर (yearly ITR) भरना चाहिए। आईटीआर भरने के हमारे देश में अनेकों फायदे है। आईटीआर एक ऐसा फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट है, जो लोन, इन्वेस्टमेंट, वीजा और कई दूसरे मामले में मददगार साबित (Income Tax Benefits) होता हैं। यह यानी यह न केवल आपको कानूनी झंझटों से बचाता है, बल्कि आर्थिक लाभ भी देता है।
31 मार्च से पहले भरे आईटीआर
इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तिथि (ITR Filling last date) 31 मार्च है। इस तारिख से पहले हर हाल में टैक्सपेयर्स को आईटीआर भरना अनिवार्य है। भारत सरकार आईटीआर भरने वालों को सामान्य लोगों से ज्यादा योजनाओं का लाभ प्रदान करती है। इसलिए फाइनेंशियल एडवाइजर उन लोगों को भी रिटर्न फाइल (ITR File) करने की सलाह देते हैं, जिनके लिए ITR दाखिल करना जरूरी नहीं है।
आईटीआर से मिलेगा टीडीएस का लाभ
केंद्र सरकार सरकारी कर्मचारियों की आय से टीडीएस (TDS on ITR) काटती है। सरकार आय सीमा से कम कमाने वाले कर्मचारियों की सैलरी से टीडीएस काट लेती है। ऐसे में टीडीएस (Tax Deducted at Source) की काटी हुई राशि वापस लेने के लिए आईटीआर का सहारा ले सकते है। TDS आपकी सैलरी, कमीशन, ब्याज या फीस पर काटा जा सकता है। मासिक वेतन पर जरुरत से ज्यादा टीडीएस (TDS Deduction) कटने पर आईटीआर भरकर उसको वापस ले सकते है।
बैंक लोन
देश के सभी बैंक किसी भी व्यक्ति को लोन (ITR Benefits on bank loan) प्रदान करने से पहले उसका आईटीआर चेक करते है। बैंक आय की विस्तृत जानकारी लेने के लिए आईटीआर की जांच करते है। बैंक या NBFC किसी भी व्यक्ति को लोन देने से पहले इनकम और वह टैक्स फाइल को चेक करते है। अगर आपके पास पिछले 2-3 सालों का ITR प्रूफ है, तो आपको लोन मिलने में आसानी होगी।
आईटीआर न भरने पर भी मिलेगा लोन
बैंक लोन देते समय सबसे जरुरी व्यक्ति का सिबिल स्कोर (CIBIL Score) चेक करते है। सिबिल स्कोर (CIBIL Score Check) के आधार पर लोन की राशि और ब्याज दर तय होते है। आईटीआर न भरने पर भी सिबिल स्कोर के आधार पर ग्राहक को लोन प्रदान कर देते है। ITR न होने पर भी आपको लोन मिल सकता है, लेकिन तब बैंक आपसे ज्यादा ब्याज दर (Interest rate) वसूल सकते हैं. इसलिए, फ्यूचर में लोन लेने की प्लानिंग कर रहे हैं तो ITR फाइल करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
विदेश में जाने के लिए आईटीआर जरुरी
किसी भी व्यक्ति को विदेश में घूमने जाने या पढ़ने, नौकरी करने के लिए जाने के लिए आईटीआर (ITR for Visa) दिखानी पड़ती है। कई देशों की एम्बेसी इनकम प्रूफ के लिए 2-3 साल की ITR रिसीप्ट मांगती हैं। विशेषकर अमेरिका, कनाडा, यूरोप या ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का वीजा अप्लाई कर रहा है, तो उससे पिछले कुछ सालों का ITR मांगी जाती है। आईटीआर के माध्यम से उस व्यक्ति की वित्तीय स्थिति (ITR benefits) का अंदाजा लगाया जा सकता है।
इंश्योरेंस कवर
लोग भविष्य की सुरक्षा के लिए अक्सर इंश्योरेंस (ITR for Insurance) करवाते है। छोटी पूंजी के इंश्योरेंस करवाने में कोई परेशानी नहीं होती है। बैंक एवं अन्य संस्थाएं बिना किसी जांच पड़ताल के छोटे इंश्योरेंस कर देती है। वहीं, बड़ी इंश्योरेंस पॉलिसी (insurance policy) लेना चाहते हैं (जैसे कि 50 लाख या 1 करोड़ का टर्म प्लान), तो इंश्योरेंस कंपनियां आपसे पिछले कुछ सालों की ITR रिसीप्ट मांग सकती हैं। इसके अलावा हमारे देश में शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड या दूसरे इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करने पर भी आईटीआर की आवश्यकता होती है।
आईटीआर से क्रेडिट कार्ड बनवाने में होगी आसानी
सभी सरकारी एवं निजी बैंक लोन एवं क्रेडिट कार्ड (ITR for credit card) देते समय लोगों को सिबिल स्कोर एवं आईटीआर की जांच करते है। आईटीआर का समय पर भुगतान करने पर बैंक लोगों को आसानी से क्रेडिट कार्ड का लाभ प्रदान कर देते है। आईटीआर (ITR Deposit) समय पर भरने से बैंक और अन्य संस्थानों को भरोसा मिलता है कि आप एक जिम्मेदार टैक्सपेयर हैं और आपकी फाइनेंशियल कंडीशन स्टेबल है।
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