
हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है, और इसका समापन नवमी तिथि पर होता है। इस समय के दौरान, भक्त मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विशेष पूजा करते हैं। इसके साथ ही, वे अन्न का वितरण और दान भी करते हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, चैत्र नवरात्र में ये शुभ कार्य करने से साधक को सकारात्मक परिणाम हासिल होते हैं और मां दुर्गा की कृपा भी प्राप्त होती है। स्वप्न शास्त्र के अनुसार, इस समय यदि कोई व्यक्ति सपने में मां दुर्गा को देखता है, तो इसे बेहद शुभ समझा जाता है। ऐसा अनुभव व्यक्ति को जीवन में कई अच्छे संकेत प्रदान कर सकता है।ऐसे में अगर आपको भी चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा के दर्शन होते हैं, तो इससे आपकी किस्मत चमक सकती है।
चैत्र नवरात्रि 2025 की तिथियां (प्रारंभ और समाप्ति तिथि)
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को शाम 4 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी, और इसका समापन 30 मार्च 2025 को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा। इस प्रकार, चैत्र नवरात्र का आरंभ 30 मार्च से होगा, और यह पर्व 07 अप्रैल 2025 को समाप्त होगा।
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प्राप्त होगा मां दुर्गा का आशीर्वाद
स्वप्न शास्त्र के अनुसार, चैत्र नवरात्र के दौरान यदि किसी को सपने में मां दुर्गा का दर्शन होता है, तो इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसे सपने देखने से व्यक्ति को कई शुभ अवसर मिल सकते हैं। और व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होने की संभावना बढ़ जाती है।और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
बिगड़े काम होंगे पूरे
यदि आपने में चैत्र नवरात्र की अवधि में सपने में मां दुर्गा को शेर पर सवार पर देखा है, तो इस सपने को बेहद शुभ माना जाता है। स्वप्न शास्त्र के अनुसार, इस सपने को देखने से बिगड़े हुए कार्य पूरे होने की संभावना बनती है। इसके साथ ही, यह आपको शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में भी मदद कर सकता है।
दुख और संकट होंगे दूर
स्वप्न शास्त्र के अनुसार, चैत्र नवरात्र के समय यदि किसी को सपने में मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति दिखाई देती है, तो इसे जीवन में एक शुभ संकेत माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सपने में मां दुर्गा को देखने से जीवन के सभी दुख और संकट दूर होते हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
अस्वीकृति: इस लेख में दिए गए उपाय, लाभ, सलाह और कथन केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। दैनिक विवरण इस लेख में प्रस्तुत बातों का समर्थन नहीं करता है। यहां दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और दंतकथाओं से एकत्र की गई है। पाठकों से निवेदन है कि इसे अंतिम सत्य न मानें और अपने विवेक का उपयोग करें।